Wednesday 25 July 2012

अलाव



अलाव
तुमसे अलग होकर
घर लौटने तक
मन के अलाव पर
आज फिर एक नयी कविता पकी है
अकेलेपन की आँच से
समझ नहीं पाती
तुमसे तुम्हारे लिए मिलूँ
या एक और
नयी कविता के लिए ?

Monday 16 July 2012

आज इंडिया वोमेन प्रेस क्लब, दिल्ली में कुछ मित्रों, और बड़े भाई श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' ,जी के सहयोग से और आदरणीय व् प्रसिद्ध लेखक बलदेव वंशी जी के आशीर्वाद से, अयन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित, हमारे २ संग्रह (हाइकु और कविता) को आशीर्वाद मिला. शुभकामनाएं देने के लिए श्रीमती काम्बोज, सुदर्शन रत्नाकर जी, श्री सुभाष नीरव जी, श्री सुरेश यादव जी, श्री सतीशराज पुषकरन जी, डॉ जेन्नी शबनम, सीमा मल्होत्रा जी, सुशीला शिव्रान जी, भूपी सूद जी, प्रवासी भारतीय से श्री अनिल जोशी जी व् सरोज शर्मा जी

Monday 9 July 2012

अनुभव रबरसों पहले कॉलेज की वार्षिक पत्रिका संपादित किया करती थी। ......अब एक अरसे बाद फिर, 'पोएट्स कोर्नर' नामक संस्था द्वारा और रोचक पब्लिशिंग, इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित, एक कविता संग्रह, "बिखरी ओस की बूंदें", को शीला डोंगरे जी के साथ संपादित किया। अच्छा हा।

Thursday 5 July 2012

तांका

नदी में चाँद
तैरता था रहता
पी लिया घूँट
नदी का वही चाँद

आज हथेली मेरे...