आइए आपका इन्तजार था
मेरे प्रिय ब्लॉग एवं साइट
फ़ोण्ट-परिवर्तक
हिन्दी हाइकु
हिन्दी टाइम्स
सहज साहित्य
शब्दों का सफ़र
शब्दों का उजाला
लेखनी
लिपि परिवर्तक
लम्हों का सफ़र
रोमन से हिन्दी
रचनाकार
त्रिवेणी
उदन्ती
अभिव्यक्ति
अनुभूति
Sunday, 9 March 2014
रफ़फू
दिन की बस्ती के
दोपहर वाले नुक्कड़ से
आज एक शाम खरीद लायी हूँ मैं
स्मृतियों के उलझे धागों से
बीते दिनों को रफ़फू कर लूँगी
बहुत रातों से सोयी नहीं हूँ मैं
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)