आइए आपका इन्तजार था
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Wednesday, 28 December 2011
तेरे आँगन की धूप
तेरे आँगन की धूप का एक टुकड़ा
मेरे आँगन में भी उतर गया है
चलो आज तो हम कह दें....
हम भी हम प्याला हो ही गए...
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