तेरी परछाइयाँ और मेरी परछाइयाँ
चलो आज मिलकर एक चेहरा हो जाएँ
तेरी तन्हाईयां और मेरी तन्हाईयां
चलो आज मिल कर हसीन आशियाँ हो जाये
नक़द मुलाकातों के सिलसिले शुरू तो करें
फिर उधार के रिश्ते खुद ही दरकिनार हो जाएँ
रिश्तों की कोख से ख़ूब जन्मेंगी नज़्में
मुन्तजिर निगाहों की झलक तो मिल जाये
मक़तल न बन जाये कहीं दश्त-ओ-दिल मेरा
ज़रा लफ़्ज़ों को इश्क़ का पैगाम तो मिल जाये
नक़द मुलाकातों के सिलसिले शुरू तो करें
ReplyDeleteफिर उधार के रिश्ते खुद ही दरकिनार हो जाएँ
वाह!!! बस एक ही शब्द गजब का लिखा है आपने ....
तेरी परछाइयाँ और मेरी परछाइयाँ
ReplyDeleteचलो आज मिलकर एक चेहरा हो जाएँ
bahut khub