माँ
1
माँ तुम सीप
मैं हूँ सीप का मोती
तुझ सा दिखूँ
2
माँ की गोद है
दुखों की बारिश में
इक छाता-सी
3
माँ है सागर
अथाह प्यार-भरा
डूबी रहूँ मैं
4
माँ तुम बिम्ब
मैं तेरा प्रतिबिंब
दोनों एक-से
5
माँ अंधेरों में
है बन उजियारा
राह दिखाती
6
कंटीली राहें
फूलों सा एहसास
देती है माँ
7
माँ बन गुरु
जिंदगी को पढ़ना
रोज़ सिखाती
8
माँ पाठशाला
बच्चे जहां सीखते
संस्कार भाषा
9
माँ ठंडी छाँव
दुनिया की धूप से
हमें बचाए
10
माँ तेरा प्यार
मौसम जैसा नहीं
सदाबहार
11
माँ है बिछौना
उसका प्यार ओढ़
ऊर्जा पा जाऊँ
12
माँ को चुराते
थोड़ा-थोड़ा करके
बच्चे उसके
13
माँ है डरती
न्यूक्लियर शब्द से
खोने का भय
-0-
बहुत प्यारे हायकू अनिता जी....
ReplyDeleteमन को भा गए.
सादर
अनु
सारे हाइकू बहुत ही सुन्दर हैं ....खासकर ये..........
ReplyDelete"माँ है डरती
न्यूक्लियर शब्द से
खोने का भय"............. :)
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