Tuesday, 7 August 2012

त्रिवेणी में प्रकाशित कुछ सदोका





त्रिवेणी में प्रकाशित कुछ सदोका 

WEDNESDAY, AUGUST 8, 2012

मैं मुसाफिर(सेदोका)


1-डॉ अनीता कपूर
1
पी डाला दर्द
रूह की चिमनी से
जैसे गीत -संगीत
पकड़ धुआँ
लपेट चाँदनी में
लिखा रंगीला गीत ।
2
कवि की आँख
वेदना की धरती
फूटती  हैं कोंपलें,
शब्दों मे पिरो 
करें काव्य-सृजन
खुदा की नियामत  ।
3
चाहे चर्च या
हो गुरुद्वारा कोई
भक्ति के वृक्ष सभी
माँगे है खाद
प्रेम मुहब्बत की
अरदास  रब की ।
4
दिल दिमाग
चलता है चक्की-सा  
पिसता दिल ही है,
कशमकश
में फिसली जिंदगी
छूटता वक्त ही है 
5
मैं मुसाफिर
जानकर भी भूली
मिट जाएँगे सब,
ये रिश्ते नाते
बन जाऊँगी मैं भी
अफसाना पुराना ।
 6
न पहचान
असली लाभ-हानि
की रही है मुझको,
जो पहचाना
तो बस दिल ही को

1 comment:

  1. सभी सेदोका सुंदर हैं।तीसरा और पाँचवा सेदोका बहुत प्रभावित करते हैं -
    "चाहे चर्च या
    हो गुरुद्वारा कोई
    भक्ति के वृक्ष सभी
    माँगे है खाद
    प्रेम मुहब्बत की
    अरदास रब की ।"
    बहुत सुंदर।

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