आइए आपका इन्तजार था
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Saturday, 8 October 2011
ताँका
बरसी घटा
पानी-पानी हुई मैं
बरसी घटा
उम्रके नभ खिला
दर्दीला
इंद्रधनुष
2
में उतरन
बनना नहीं चाहूँ
तू तो हवा सा
तूबदलता रिश्ते
कपड़ों की तरह
1 comment:
संज्ञा अग्रवाल
22 May 2012 at 11:19
main utaran nahi banana chahungi ... bahut sundar hai mam .
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main utaran nahi banana chahungi ... bahut sundar hai mam .
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