डॉ अनीता कपूर
वक़्त ने डाल दी है
अनगिनत सलवटें
मेरी जिंदगी की सफ़ेद चादर पर
हर सलवट
एक पूर्ण कहानी
जिसमे है
कुछ टूटने व कुछ बनने का अहसास
कली के मुस्कराने से लेकर
फूल बनकर मुरझा जाने तक का फासला
मैंने शराब की तरह पिया है
और छलक कर गिरी हुई बूँदों ने
नज्मो की शक्ल अख़्तियार कर ली है
अनगिनत सलवटें
मेरी जिंदगी की सफ़ेद चादर पर
हर सलवट
एक पूर्ण कहानी
जिसमे है
कुछ टूटने व कुछ बनने का अहसास
कली के मुस्कराने से लेकर
फूल बनकर मुरझा जाने तक का फासला
मैंने शराब की तरह पिया है
और छलक कर गिरी हुई बूँदों ने
नज्मो की शक्ल अख़्तियार कर ली है
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very nice lines...
ReplyDelete.....maine sharab ki tarah piya hai
aur chhalak kar...........
"मैंने शराब की तरह पिया है
ReplyDeleteऔर छलक कर गिरी हुई बूँदों ने
नज्मो की शक्ल अख़्तियार कर ली है"...
बहुत ही बढ़िया.. उम्दा... काबिले तारीफ